- गांधी के आर्थिक विचारों की प्रासंगिकता
गांधीजी जनसंख्या तथा आर्थिक विकास दोनों को परस्पर घनिष्ठ रुप से संबंधित मानते थे, मद्य निषेध, मानव विकास तथा पर्यावरण के मुद्दे भी
- महात्मा गांधी के आर्थिक-विचार, वर्तमान परिप्रेक्ष्य में
जब हम वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गांधी जी के आर्थिक विचारों पर दृष्टि डालते हैं तो यह पता चलता हैं कि आज भी उनके विचार भारतीय
- गांधी जी के योगदान का समाजशास्त्रीय विश्लेषण: सत्य, अहिंसा और सामाजिक . . .
महात्मा गांधी केवल स्वतंत्रता संग्राम के नायक ही नहीं थे, बल्कि एक गहन समाजशास्त्रीय चिंतक भी थे, जिनकी सोच सामाजिक न्याय, नैतिकता
- गांधी के अनुसार आर्थिक समानता अहिंसक आत्मनिर्भता की ‘प्रमुख चाबी’ है . . .
आज के समय में, जब दुनिया आर्थिक असमानता, पर्यावरण संकट, और सामाजिक अशांति का सामना कर रही है, गांधी जी के सिद्धांत और भी अधिक
- गाँधीजी के आर्थिक विचार - विकिपीडिया
गांधीजी के आर्थिक विचार अहिंसात्मक मानवीय समाज की अवधारणा से ओत-प्रोत हैं। उनके आर्थिक विचार आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित
- महात्मा गांधी की दर्शनशास्त्र और विचार - 1 - UPSC PDF Download
गांधी के इस संकट को संभालने ने उनके सामाजिक और राजनीतिक दर्शन पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने भारतीयों के साथ खुली जगह में कैंप किया
- महात्मा गांधी का आर्थिक चिंतन | RECENT RESEARCHES IN SOCIAL SCIENCES . . .
गांधी जी मूलतः अर्थशास्त्री नहीं थे और नहीं वे एक ऐसे नेता थे जिनका एकमात्र उद्देश्य भारत की आर्थिक महाशक्ति
- महात्मा गांधी के विचार: एक विश्लेषण – Gurukul International
महात्मा गांधी के विचारों का प्रभाव भारत और विश्व में सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षिक और नैतिक बदलाव के रूप में देखा जा सकता है। गांधी जी
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